रात

रात अँधेरी होती है। एक सन्नाटे की आवाज होती है। एक सरसराहट सी आवाज ,किसी अनजान शक्ति के आने की आहट होती है । रात भी गजब की होती है। कभी अमावस्या ,तो कभी पूर्णिमा ,तो कभी चांदनी रात ,तो कभी काली रात, तो कभी वीरान रात ,तो कभी ना ख़तम होने वाली रात होती है। और इन रातो मे सबसे तड़पने वाली रात ,अंतिम रात होती है। 



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