सफाई अभियान का भूत उतर गया
मोदी जी ने जब से सफाई अभियान शरू किया। मुझे भी इसका शौक चरमराया। मै भी इस कार्यक्रम मे बढ़चढ़ कर आगे आई। वैसे तो मुझमे भी सफाई का भूत है। जो मुझे मेरे पापा से मिली है।
मैने भी घर के बहार सफाई के लिए कमर कस लिया था और एक नई झाड़ू खरीदा और रोज सफाई शुरू कर दिया। पर यह कार्यक्रम ने तो कुछ और ही रूप दे दिया। कुछ पड़ोसियों को मेरा यह अभियान पसंद नहीं आया। पर मुझे गर्व हुआ ,कि ये पड़ोसी शायद आलोचक पार्टी के समान है। मुझे तो बस अपने अभियान पर ध्यान देना है।
कुछ पड़ोसी तो सफाई के बाद पीछे से कूड़ा फेंक देते। ऐसा लगने लगा कि शायद मेरा अच्छा खासा मज़ाक बनाया जा रहा है। मुझे ऐसा लगा कि मेरे अभियान से पहले ही ठीक था। पर एक दिन तो महायुद्ध का रूप ले लिया। अब तो मेरे सामने ही कूड़ा फेंक दिया। मेरा पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। और आव ना देखा ताव, बस जाके भीड़ गई। तू -तू ,मै-मै , की नौबत आ गई। बस गुस्से मे बोलकर चुप रह गई ,और इस युद्ध को यही पर खत्म करना पड़ा। क्योकि उनके गैंग के आगे मे ,पस्त हो गई। मोहल्ले के सभी लोगो ने मेरी गल्ती बताई कि इतनी छोटी बात पर मुझे नहीं लड़ना था। घर मे भी सब ने मुझे ही डॉटा। यह सब देखते हुए अगले दिन से यह कार्यक्रम यही बंद करना पड़ा,और समझ मे आ गया कि हमारे मोदी जी ने बहुत बड़ा बीड़ा उठाया है।” जय हो हमारे मोदी जी “
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